सैलरी अकाउंट क्या है? जानेंगे Salary Account के फायदे एवं नुकसान

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आइए जानते हैं सैलरी अकाउंट के फायदे। अगर आपने हाल ही में कंपनी में जॉब शुरू की है या आपकी सरकारी नौकरी लगी है तो सबसे पहला इंतज़ार आपको आपकी सैलरी का होगा। हो सकता है किसी और चीज़ का इंतज़ार भी हो परन्तु सैलरी का तो जरूर होगा ही। तो आइये नीचे पढ़ते हैं सैलरी अकाउंट के फायदे एवं जुडी अन्य बातें।[toc]

कंपनी या गवर्नमेंट कंपनी किस बैंक के साथ सैलरी अकाउंट खुलवाने के लिए डील करती है?

दोस्तों salary account खुलवाने के लिए आपको स्वयं प्रयत्न नहीं करना होता है बल्कि आप जिस कंपनी या सरकारी नौकरी करना शुरू करते हैं तो वहीँ आपका बैंक खाता खुलवाया जाता है। एवं कंपनी ही आपका बैंक खाता खुलवाने में सहायता करती है। अब यह निर्भर करता है की आप जहाँ अपनी जॉब शुरू कर रहे है वह जगह किस बैंक की साथ डील करती है। सरकारी नौकरी में तो मुख्य रूप से अधिकतर स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया या पंजाब नेशनल बैंक के साथ ही डील करती हैं। परन्तु प्राइवेट कंपनी में तो मुख्य रूप से HDFC Bank या ICICI Bank या Axis Bank में खाता खुलवाती है क्यूंकि इन्ही बैंकों को पकड़ इस मामले में बहुत अच्छी है इसलिए यह भी एक कारण है की यह बैंक टॉप 5 में आती है।

सैलरी अकाउंट कैसे खुलता है?

जैसा की ऊपर बताया सैलरी अकाउंट कंपनी या सरकारी नौकरी जिस डिपार्टमेंट में करते है वही आपका सैलरी अकाउंट खुलवाकर दिया जाता है। सैलरी अकाउंट खुलवाने के लिए सामान्य तौर पर मांगे जाने वाले दस्तावेज आपको प्रस्तुत करना हो सकता है एवं हो उन दस्तावेजों की प्रति आपको बैंक में सैलरी अकाउंट खुलवाते समय बैंक अधकारी को देनी हो सकती है।

किस तरह के दतावेज़ों को प्रस्तुत करना पड़ सकता है?

तो यह वर्ष 2021 चल रहा है एवं सभी बैंक मुख्य रूप से उन सभी मूल दस्तावेजों को मांगती है जिनकी आवश्यकता अन्य जगह भी होती है जैसे PAN Card, आधार कार्ड, या ड्राइविंग लाइसेंस एवं पासपोर्ट साइज की कुछ तस्वीर। इतने दस्तावेज आपकी KVC पूर्ण करवाने में सक्षम होते है एवं आपका खाता शीग्र ही शुरू कर दिया जाता है।

सैलरी अकाउंट खुलने के बाद बैंक से क्या-क्या प्राप्त होता है?

सैलरी अकाउंट खुलने के बाद आपको बैंक का ATM Card तो प्राप्त होगा ही साथ में नेट बैंकिंग भी प्राप्त होती है। आपको कुछ लिमिट भी प्रदान होती है जो सामान्य तौर पर बैंक कहता खुलवाने पर नहीं प्राप्त होती है।

सैलरी अकाउंट के फायदे।

सैलरी अकाउंट में आपको वह सभी फायदे मिल जाते है जो अधिकतर लोगों को अन्य तरह के बैंक खतों पर प्राप्त नहीं होते हैं।

Zero balance

Zero balance रहना का फायदा यह होता है की एम्प्लोयी जब चाहे तब अपने खाते से पूरे पैसे निकल सकता है और उस पर बैंक कभी भी कोई चार्जेज नहीं लगाएगी क्यूंकि अगले माह तो सैलरी फिर आजायेगी।

Free SMS

SMS तो मुख्य रूप से सभी बैंकों में फ्री होते हैं परन्तु कई बैंक जैसे पंजाब नेशनल बैंक में यह चार्जबल होते हैं लेकि सैलरी अकॉउंट पर कोई SMS चार्जेज नहीं लगते हैं हालाँकि कई बैंकों में लगते हैं परन्तु अधिकतर बैंकों में नहीं लगते हैं।

No charges on ATM card

सेविंग्स अकाउंट पर जो डेबिट कार्ड प्राप्त होता है उस पर वार्षिक शुल्क होता है परन्तु सैलरी अकाउंट के डेबिट कार्ड पर कोई चार्जेज नहीं लगता है। हालाँकि सैलरी अकाउंट के सेविंग्स अकाउंट में बदल जाने पर चार्जेज लग्न शुरू हो सकता हैं।

Personalization

कई लोगों को यह बात पता नहीं होगी बल्कि बैंक के कर्मचारियों तक यह बात पता नहीं होती है। इसलिए में आपको बता दूँ की आपको अधिकतर बैंक personalization की सुविधा प्रदान करती है जोकि सेविंग्स अकाउंट के साथ-साथ सैलरी अकाउंट पर भी प्राप्त होती है। Personalization का मतलब होता है अपने अनुसार अपना नाम करवाना। जी हाँ, एम्प्लोयी के बैंक खाते पर तो एम्प्लोयी का ओरिजिनल नाम होगा ही परन्तु एम्प्लोयी बैंक से मिलने वाले ATM card पर कुछ और नाम भी करवा सकता है। उदहारण के लिए मेने आपने ATM card की फोटो नीचे दी हुई है। मेरा नाम ‘नितिन सैनी’ है एवं अधिकतर लोग मुझे या तो मेरे नाम से ही बुलाते है या ‘सैनी जी’ कहकर बुलाते हैं तो मेने अपने कई ATM कार्ड पर अंग्रेजी में “Saini Ji” लिखवा दिया है। तो आप अभी इस तरह से करवा सकते हैं। अन्य उदहारण, मेरे एक मित्र ने उसके ATM कार्ड पर अपनी पत्नी का फोटो लगवाया था तो आप भी इस तरह से personalization का उपयोग कर सकते हैं। यह सुविधा सिर्फ ATM कार्ड पर नहीं नहीं बल्कि credit कार्ड पर भी होती है।

HDFC Credit Card Photo
HDFC Credit Card Photo

Free Cheque book

वैसे तो चेक बुक लेने के लिए आपको बैंक द्वारा निर्धारित शुल्क देना होता है परन्तु सैलरी अकाउंट खुलते ही एम्प्लोयी को उसे चेक बुक मुफ्त में प्रदान की जाती है। मूलतः चेक बुक अलग से लेने पर 25 रूपए से 50 रूपए तक शुल्क लगता है परन्तु सैलरी अकाउंट पर फ्री मिलती है।

Interest rate

सेविंग्स अकाउंट के तौर पर सैलरी अकाउंट पर भी एम्प्लोयी को इंटरेस्ट प्राप्त होता है एवं उतना ही प्राप्त होता है जितना सैलरी अकाउंट पर प्राप्त होता है।

सामान्य तौर पर पूछे जाने वाले प्रश्न [FAQ]

क्या कोई व्यक्ति खुद से सैलरी अकाउंट खुलवा सकता है?

जी हाँ, क्यों नहीं। कोई व्यक्ति खुद से सैलरी अकाउंट तो खुलवा सकता है परन्तु उसे जॉब करते होना चाहिए एवं जिस बैंक में वह खाता खुलवाने जा रहा है उस बैंक का कंपनी के साथ रिलेशन होना चाहिए। अगर आपका पहले से उस बैंक में खाता है तो आप तो आप अपना बैंक का खाता लिंक्ड करवा सकते हैं जिससे आपका सेविंग्स अकाउंट सैलरी अकाउंट में बदल जायेगा एवं ऊपर दी हुई सुविधा आपके पहले से खुले सेविंग्स अकाउंट में सैलरी अकाउंट के तौर पर उपलब्ध हो जाएगी।

क्या होगा अगर एम्प्लोयी ने जॉब छोड़ दी या कंपनी बदल ली एवं नई कंपनी कोई दूसरी बैंक के साथ डील करती है?

जब भी एम्प्लोयी जॉब छोड़ता है या बदलता है एवं नई जगह भी वही बैंक है जिसमे एम्प्लोयी का सैलरी अकाउंट है तो अच्छी बात है अन्यथा एम्प्लोयी को नया बैंक खाता खुलवाना होगा जोकि एम्प्लोयी की कंपनी, खुलवाने में मदद करवा देगी। अब आपके पास नया बैंक सैलरी खाता तो होगा परन्तु पहले से मौजूद सैलरी खाता 3 से 6 माह में कोई सैलरी क्रेडिट न होने किस स्थिति में आटोमेटिक सेविंग्स अकाउंट में बदल जायेगा और कुछ सुविधा जो सिर्फ सैलरी अकाउंट में ही मिलती है वह मिलना बंद हो जाएगी। जैसे ज़ीरो बैलेंस, Free SMS Alerts, मुफ्त सालाना ATM कार्ड पर शुल्क, आदि।

सैलरी अकाउंट के सेविंग्स अकाउंट में बदल जाने पर इन बातों का ध्यान दे अन्यथा एम्प्लोयी नुकसान में आ सकता है? [सैलरी अकाउंट के नुकसान]

जीरो बैलेंस की सुविधा का समाप्त होना।

जब एम्प्लोयी बैंक बदल लेता है या उसके सैलरी अकाउंट में 3 से 6 माह तक सैलरी नहीं आती है तो उसका सैलरी खाता आटोमेटिक सेविंग्स अकाउंट में बदल जाता है। जिससे यह होता है की एम्प्लोयी को सेविंग्स अकाउंट पर जारी नीतियों का पालन करना होगा। तो सबसे पहली निति यही है की एम्प्लोयी को मिनिमम बैलेंस बनाकर रखना होगा जोकि कई बैंकों में जगह के अनुसार अलग-अलग हो सकता है। उदहारण के लिए HDFC बैंक एवं ICICI बैंक में शहरी क्षेत्रों में सेविंग्स अकाउंट को बनाये रखने के लिए कम से कम 10000 रूपए खाते में रखने होते है। ऐसा न करने की स्थिति में बैंक खाता धारक पर तय शुल्क चार्ज करती है जोकि सभी बैंकों में अलग हो सकता है। इतना ही नहीं अगर एम्प्लोये पूरा पैसा निकाल ले एवं खाता ज़ीरो कर दे तो उस स्थिति में बैंक नेगेटिव में भी बैलेंस पहुंचा देते हैं और कुछ समय बाद खाता सील कर दिया जाता है। तो जब भी भविष्य में एम्प्लोयी खाता फिर से खुलवाएगा तो उसको पहले वह चार्ज देना होगा उसके बाद ही खुलवा सकता है। अगर एम्प्लोयी यह सोचे की वह नयी शाखा में खाता खुलवा सकता है तो आधार कार्ड नंबर एवं पैन कार्ड नंबर यूनिक होते हैं जिनसे जानकारी आसानी से निकाली जा सकती है।

ऐसी स्थिति से बचने के सिर्फ दो उपाय मुझे सही लगते हैं। पहला यह है की खाता धारक आपने खाता बंद करवा ले जिसके लिए में नहीं कहूंगा परन्तु पैसे न होने की स्थिति में ऐसा किया जा सकता है। दूसरा उपाय यह है की खाता बनाये रखने के लिए कम से कम 10000 रूपए से ज्यादा बैलेंस उसमे रखे जिससे खता बंद भी नहीं होगा एवं उन 10000 रूपए पर व्याज भी प्राप्त होता रहेगा।

ATM कार्ड पर सालाना चार्जेज लगना

यूंतो एम्प्लोयी जब तक सैलरी अकाउंट पर होता है तो उसको डेबिट कार्ड या एटीएम कार्ड पर सालाना कोई शुल्क नहीं देना होता है परन्तु सेविंग्स अकाउंट में बदलते ही साल में 250 रूपए से लेकर 500 रुपय तक के देना हो जाते हैं जोकि आटोमेटिक डेबिट हो जाते हैं इसलिए मेने ऊपर कहा था की बैंक में 10000 रूपए से ज्यादा रखना चाहिए।

सैलरी अकाउंट के नुकसान (अन्य नुकसान, जरूर पढ़ें)

मान लीजिये की एम्प्लोयी ने 10000 रूपए अपने खाते में में खाता को मेन्टेन करने के लिए रखे हैं एवं वर्ष के अंत में डेबिट कार्ड या एटीएम कार्ड पर सालाना शुल्क लगता है तो 250 से 500 रूपए तक के बीच में पैसा कटेगा साथ ही साथ बैंक बैलेंस 10000 रूपए से नीचे होने की स्थिति में बैंक आप पर मिनिमम बैलेंस मेन्टेन न कर पाने का शुल्क भी काट लेगी। तो इस नुकसान से बचने के लिए में आपको 11000 या 12000 रूपए तक रखने के सलाह दूंगा। इसमें एक फायदा ही है और वह फायदा यह है की आपको इंटरेस्ट प्राप्त होगा तो आपका जो पैसा एटीएम कार्ड पर कटेगा उसकी भरपाई एम्प्लोयी को साल भर में बैंक खुद ही इंटरेस्ट के तौर पर दे देगा।

क्या सैलरी अकाउंट में परिवार के सदस्यों को भी जोड़ा जा सकता है जैसे माता-पिता, पति या पत्नी, बच्चों को?

तो इसका उत्तर है हाँ, कोई भी एम्प्लोयी अपने परिवार के सदस्य को उसके सैलरी अकाउंट से जोड़ सकता है। यह सुविधा लगभग सभी बैंक्स प्रदान करती है। परिवार के सदस्यों को सैलरी खाते से जोड़ने के लिए परिवार के सदस्यों का दस्तावेज प्रदान करना पड़ सकता है।

Salary Accounts कितने तरह के हो सकते है?

में यहाँ HDFC बैंक की तरफ से प्रदान की गई जानकारी के आधार पर बता रह हूँ की सैलरी अकाउंट कई तरह के हो सकते हैं जैसे InstaAccount, Regular Salary Account, Defense Salary Account, Government Salary Account, Family Salary Account, Classic Salary Account, आदि। अन्य बैंकों में अन्य तरह के सैलरी एकाउंट्स प्रदान किये जा सकते हैं।

Reference websites:

Note: ऊपर प्रदान की गई जानकारी वर्तमान में चल रही सुविधाओं के अनुसार है जो भविष्य में बदल सकती है सभी बैंकों में उनकी अपनी नीतियां होती है जो भिन्न हो सकती है। इसलिए अपनी बैंक की अच्छे से जानकारी लेने के लिए अपनी बैंक की शाखा में जाएँ या बैंक के ग्राहक सेवा केंद्र पर कॉल करें या वेबसाईट को देखें।

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